नागपंचमी + श्रावण सोमवार = सिंहस्थ जैसी भीड़

महाकाल चौराहे से हरसिद्धि की ओर जाने वाले मार्ग पर महाकाल दर्शनार्थियों की बेरिकेड्स में जहां ठसाठस भीड़ थी, उतने ही लोग सड़क पर भी चल रहे थे। ऐसा लग रहा था मानो यह नागपंचमी और श्रावण सोमवार नहीं सिंहस्थ का नजारा है।

इतनी भीड़ तो अगली बार नागचंद्रेश्वर के दूर से ही दर्शन…

शहर में पर्वों पर लगातार बढ़ती जा रही भीड़ का प्रबंधन पुलिस प्रशासन के लिए चुनौती बना, नई व्यवस्थाओं पर विचार शुरू 

| उज्जैन

नागपंचमी और श्रावण सोमवार के संयोग में दर्शन के लिए उम्मीद से कई ज्यादा श्रद्धालु उज्जैन आए। खुद पुलिस प्रशासन को 1 लाख लोगों के आने का अंदाजा था लेकिन सोमवार को ढाई लाख से ज्यादा के आने से इंतजाम बौने पड़ गए। नतीजा श्रद्धालुओं को नागचंद्रेश्वर और महाकाल दर्शन के लिए 3 से 7 घंटे कतार में लगना पड़ा।

होशंगाबाद के नीरज भदौरिया और उनके साथी तड़के 4.30 बजे कतार में लगे और सुबह 11.30 बजे तक भी दर्शन नहीं हुए तो बिना दर्शन किए ट्रेन पकड़ने के लिए रवाना हो गए। नृसिंहगढ़ से आए चंद्रजीतसिंह परिहार भी बिना दर्शन किए लौटे। श्रद्धालुओं को 7 घंटे बिना पानी, टॉयलेट के खड़े रहना पड़ा। प्रशासन ने शीघ्र दर्शन कराने का दावा किया था लेकिन जब श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ा तो व्यवस्थाएं बिगड़ती चली गई।

इसलिए प्रभावित हुई व्यवस्था

नागचंद्रेश्वर दर्शन धीमी रफ्तार से हुए। कतारों के बीच कर्मचारियों और पुलिसकर्मियों ने रिश्तेदारों को घुसाया। 250 रुपए की रसीद, वीआईपी पास व सामान्य कतार वाले एक-दूसरे में मिल गए। मंदिर के बाहर जानकारी के सूचना बोर्ड नहीं थे, जिससे श्रद्धालु एक गेट से दूसरे गेट पर भटकते रहे।

ये गलत बात है…भीड़ में मंत्री और नेताओं का काफिला क्यों?

प्रभारी मंत्री पहुंचे तो उनके साथ 13 कारों का काफिला था। इससे श्रद्धालुओं का अवागमन अवरुद्ध हो गया।

ये उपाय जिससे हो सकती अच्छी व्यवस्था

1. नागचंद्रेश्वर के दर्शन गर्भगृह के बाहर से कराए जाए।

2 मंदिर आने-जाने के लिए सभागृह की छत से रास्ते बनाए।

3 एनाउंस सिस्टम, एलईडी पर लाइव दर्शन की व्यवस्था।

4 अतिरिक्त होल्ड-अप के लिए सुविधाजनक मैदान।

5 अच्छे बेरिकेड्स जिनमें बैठने, आने-जाने की व्यवस्था।

सुगम और जल्दी दर्शन के लिए सुझाव लेंगे

कलेक्टर शशांक मिश्र ने कहा- निश्चित तौर पर इस बार के अनुभव का लाभ अगली बार मिलेगा। अब और बेहतर तैयारी करेंगे। एसपी सचिन अतुलकर के अनुसार सभी से यह सुझाव भी लेने होंगे कि क्या भविष्य में इस तरह नागचंद्रेश्वर को छूकर एक दिन में लाखों लोगों को दर्शन कराना संभव होगा। हमें एक लाख श्रद्धालुओं का अनुमान था लेकिन ढाई लाख से ज्यादा आ गए। नागचंद्रेश्वर ऊंचाई पर है, मंदिर का स्ट्रक्चर भी काफी पुराना है। नागपंचमी पर पहली बार इतनी भीड़ रही।

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